ग्रहण के समय गर्भवती महिलाये क्या करें क्या ना करें (Pregnancy Care During Grahan in Hindi)
सूर्यग्रहण हो या चंद्रग्रहण दोनों ही बुरा प्रभाव डालते है| शास्त्रों में ही नहीं बल्कि वैज्ञानिकों ने भी कहा है कि ग्रहण के दौरान निकलने वाली तरंगे हमें हानि पहुँचती है| इसलिए ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए|
गर्भवती महिलाओं पर ग्रहण का प्रभाव
ग्रहणकाल में सबसे ज्यादा सावधानी गर्भवती महिलाओं को रखनी चाहिए क्योंकि इस दौरान प्रकति सबसे ज्यादा संवेदनशील होती है और गर्भ में पल रहे बच्चे पर ग्रहण का विपरीत असर भी पड़ सकता है| खासतौर से अन्य लोगों की तुलना में गर्भवती महिलाओं के लिए अधिक नुकसानदायक होती है| इसलिए गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानिया बरतनी चाहिए|
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कुछ निर्देश :-
* सूतककाल लगने से पहले ही गर्भवती महिलाओं को अपने पूरे पेट में गेरू का लेप लगा लेना चाहिए ताकि ग्रहण की तरंगे आपके होने वाले शिशु को नुकसान ना पंहुचा सके और ग्रहण समाप्त होने के बाद इस लेप को धो लीजिए|
* ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को यात्रा भी नहीं करनी चाहिए हो सके तो उस दिन घर के बाहर ना जाये क्योंकि आकाश मंडल से पृथ्वी पर दूषित तरंगो का संचार होता है|
* गर्भवती महिलाए ग्रहण काल के समय अपने पास एक नारियल रख लें इससे भी वायुमंडल से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर नहीं पड़ेगा|
* गर्भवती महिलाओं को ग्रहण भी नहीं देखना चाहिए न ही ग्रहण की रोशनी में जाना चाहिए ऐसा करने में आपका होने वाला शिशु मानसिक और शारीरिक तौर पर कमजोर हो सकता है|
* गर्भवती महिलाओं को सूतककाल में उपवास रखना चाहिए जरुरत पड़ने पर फलाहार करें कोई भी ढोस अन्न का सेवन न करें लेकिन आप बीमार हो या किसी कारणवश उपवास न कर सके ग्रहण के समय कुछ ना खाएं|
* सूतककाल शुरू होने से पहले अपने खाने और पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता या कुशा घास डाल लें, इससे आपके भोजन और जल पर ग्रहण पर दोष नहीं लगता है|
* गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान क्रोध और तनाव से दूर रहना है और प्रसन्नचित रहना चाहिए|
* ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का योगासन व व्यायाम भी नहीं करना चाहिए|
* गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय व सूतककाल में कुछ भी काटना, सिलना व बुनना भी नहीं चाहिए तथा किसी भी तरीके की नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए| ऐसा कहा जाता है कि अगर वह ऐसा करती है तो उनके होने वाले बच्चे के शरीर पर भी काटने के निशान हो सकते है|
* ग्रहण के समय तेल मालिश भी नहीं करनी चाहिए ऐसा करने से त्वचा सम्बन्धी रोग हो सकता है|
* ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को पेन का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए ना ही बाल खींचना चाहिये ना ही कपडे निचोड़ना चाहिए|
* ग्रहण में सूतककाल के दौरान लकड़ी, पत्ते व फूल ना तोड़ें| आप तुलसी भी सूतककाल लगने से पहले ही तोड़कर रख लें|
* ग्रहण के दौरान दन्त मंजन, ताला खोलना, कुण्डी लगाना यह सभी काम वर्जित है|
* ग्रहण के समय कोई भी नया कार्य ना करें|
* शास्त्रों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान सोना वर्जित है|
* ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को भगवान का स्मरण करना चाहिए या अपने इष्ट देव या गुरु का मंत्र जाप करना चाहिए| ग्रहण के समय धार्मिक किताब जैसे रामायण, गीता, सुंदरकांड आदि का पाठ करना चाहिए इससे भगवान आपकी और आपके होने वाले बच्चे की रक्षा करते है|
* ग्रहणकाल समाप्त होने के बाद गर्भवती महिलाओं को स्नान अवश्य ही करना चाहिए यदि किसी कारणवश स्नान ना कर सके तो गंगाजल का छिड़काव करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए|
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