मकर संक्रांति 2019 (Makar Sankranti 2019)
Makar Sankranti 2019 : मकर संक्रांति का त्यौहार हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से है| दोस्तों, यह साल का पहला त्यौहार होता है| इस दिन भगवान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है| मकर संक्रांति को स्नान और दान का पर्व कहा जाता है| मकर संक्रांति के त्यौहार पर पवित्र नदी में स्नान करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है|
मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है (Why Celebrate Makar Sankrati)
मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के उत्तरायण होने पर मनाया जाता है| ज्योतिष की दृष्टि से देखे तो इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते है| कहा जाता है कि इस दिन भगवान सूर्य स्वयं अपने पुत्र शनि से मिलने जाते है| शनि देव मकर राशि के स्वामी है| इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है|
महाभारत में भीष्म पितामा जी ने अपना देय त्यागने के लिए इसी दिन को चुना था और इसीदिन गंगा जी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थी|
दोस्तों, इस दिन दान का भी विशेष महत्व है| इस दिन किया गया दान कई गुना होकर आपको फल देता है| मकर संक्रांति के दिन विशेषकर तिल, गुड़ और खिचड़ी का दान करते है| इससे आपको विशेष फल की प्राप्ति होगी|
मकर संक्रांति शायरी | Makar Sankranti Shayari in Hindi
मकर संक्रांति पूजा विधि (Makar Sankranti Puja Vidhi)
मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर टिल का उबटन लगाकर स्नान किया जाता है| हो सके तो इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करे और जो व्यक्ति घर पर है उन्हें नहाने वाले पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान अवश्य करना चाहिए| तत्पश्चात सूर्य देव को जल अर्पित करें इससे सूर्य देव प्रसन्न होते है| इसके बाद किसी ब्राह्मण या गरीब को दान अवश्य करे| मकर संक्रांति के दिन विशेषकर तिल, गुड़ और खिचड़ी का दान करते है|
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मकर संक्रांति 2019 में कब है (Makar Sankranti 2019)
मकर संक्रांति का त्यौहार इस साल 15 जनवरी को मनाया जायेगा| क्योंकि मकर संक्रांति तब मनाई जाती है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते है| लेकिन सल्ल 2019 में सूर्य 14 जनवरी रात्रि 7 बजकर 44 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे कारण मकर संक्रांति अगले दिन उदयातिथि में 15 जनवरी 2019 को मनाई जाएँगी|
मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त (Makar Sankrati Shubh Muhurat)
पुण्य काल का शुभ मुहूर्त : सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक
पुण्य काल की कुल अवधि : 5 घंटा 14 मिनट होगी|
महापुण्य काल का शुभ मुहूर्त : सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर 9 बजकर 15 मिनट तक
महापुण्य काल की कुल अवधि : 2 घंटा होगी|
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