Ahoi Mata Ki Aarti | अहोई माता की आरती
जय अहोई माता जय अहोई माता।
तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता।।
जय अहोई माता ….
ब्रह्माणी रुद्राणी कमला तू ही जग दाता।
सूर्य चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता।।
जय अहोई माता ….
माता रूप निरंजन सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता।।
जय अहोई माता ….
तू ही पाताल बसंती तू ही सुखदाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशक जगनिधि की त्राता।।
जय अहोई माता ….
जिस घर थारो बासो बहि में गुण आता।
कर सके सोई कर ले मन नहीं घबराता।।
जय अहोई माता ….
तुम बिन सुख न होवे पुत्र न कोई पाता।
खान पान का वैभव तुम बिन कोई नहीं पाता।।
जय अहोई माता ….
शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता।
रतन चतुर्दिश तुम बिन कोई नहीं पाता।।
जय अहोई माता ….
श्री अहोई माँ की आरती जो कोई गाता।
उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।।
जय अहोई माता ….
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